पिछले कुछ वर्षों से, द्वारका एक्सप्रेसवे और उसके आसपास के रियल एस्टेट के विकास को लेकर बहुत चर्चा है. द्वारका एक्सप्रेसवे, जिसे नादर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के रूप में भी जाना जाता है, यह 150 मीटर चौड़ा और 18 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे है जो द्वारका फेज 2 से शुरू होता है और खेरकी-धौला के पास nh -8 में मिलता है. यह एक्सप्रेसवे, दिल्ली-गुड़गांव और मानेसर के बीच एक वैकल्पिक संपर्क प्रदान करके मौजूदा दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे पर यातायात का बोझ कम करने के लिए है.

गुड़गांव और उसके उपनगरों से द्वारका के माध्यम से दिल्ली तक आसान पहुंच ने इस क्षेत्र में रियल एस्टेट के विकास को काफी गति दी है. प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर और हवाई अड्डे के लिए बेहतर कनेक्टिविटी इस क्षेत्र में रियल एस्टेट विकास को काफी गति प्रदान करेगी. एक्सप्रेसवे के निकट बेहतर कनेक्टिविटी जैसी इसकी खूबियों का लाभ उठाने के लिए, बड़ी संख्या में आवासीय और वाणिज्यिक प्रोजेक्ट शुरू हुए हैं. द्वारका एक्सप्रेसवे - 2031 के लिए नए मास्टर प्लान ने अब एक्सप्रेसवे के साथ कॉमर्शियल, रेजिडेंशियल और इंस्टीट्‌यूशनल प्रोजेक्ट्‌स के लिए प्रावधान किया है.

विकास के दृष्टिकोण से, एक्सप्रेसवे को तीन क्लस्टर्स में बांटा जाता है - क्लस्टर A (दिल्ली साइड) जिसमें सेक्टर 110A, 111, 112, 113, 114 शामिल हैं; क्लस्टर B (सेंटर) में सेक्टर 110, 109, 106, 105, 108, 107 शामिल हैं; और क्लस्टर C (गुड़गांव साइड) में सेक्टर 103, 104, 102, 102A, 101, 100, 99 और 99A शामिल हैं. रेजिडेंशियल हब गुड़गांव साइड में स्थित होंगे, जहां सेक्टर 99, 100, 101, 102, 103, 104, 109, 110A और 111-113 आदि को रेजिडेंशियल हब के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. प्रमुख डेवलपर्स ने इन सेक्टरों में एकीकृत टाउनशिप, ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट, मिड-सेगमेंट हाउसिंग और लक्जरी प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं. द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास हर रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट जिम, क्लब, टेनिस कोर्ट, स्पा और अन्य विश्व स्तरीय मनोरंजक सुविधाओं से सुसज्जित है. रेजिडेंशियल स्पेसेज के अलावा, सेक्टर 105, 106, 109, 110, 110A, 111, 112 और 113 में एक्सप्रेसवे के किनारे कॉमर्शियल बेल्ट शामिल होंगे; जबकि सेक्टर 114 और 88 पूरी तरह से कॉमर्शियल होंगे.

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