छोटे और आकर्षक

अक्सर हम मिनिएचर या छोटे पौधों को नजरअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन जैसा कि एक पुरानी कहावत है - अच्छी चीजें छोटी होती हैं.

मिनिएचर पौधे अपने आप में एक अलग पादप समूह है और यह बोनसाई पौधों से काफी अलग होते हैं. मिनिएचर पौधों की सबसे खास बात यह होती है कि इनकी प्राकृतिक वृद्धि काफी धीमी होती है. मिनिएचर पौधों को खाद की जरूरत नहीं पड़ती है, इसके अलावा इन्हें अधिक पानी भी नहीं दिया जाना चाहिए. मिनिएचर पौधे सूर्य के प्रकाश में अच्छी तरह से पनपते हैं, इसलिए इन्हें हर दिन कम से कम 3 घंटे सूरज की रोशनी में ज़रूर रखना चाहिए. इन्हें किसी ऊंची जगह पर या किसी कुंडे में लगाएं.

इन पौधों के बारे में एक आम गलत धारणा यह है कि चूंकि इनकी वृद्धि धीमी होती है, इस कारण से इन्हें अपेक्षाकृत कम रख-रखाव की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन यह धारणा सही नहीं है. आपके बगीचे के दूसरे पौधों की तरह ही, मिनिएचर पादपों की झाड़ियों को नियमित अंतराल पर काटना जरूरी होता है. इन्हें पानी देते समय अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि इनकी जड़े एक सीमा तक ही फैल पाती हैं. यहां आपके घर में उगाए जा सकने वाले कुछ मिनिएचर पादपों के बारे में बताया गया है.

पुष्पीय गुण

बात जब मिनिएचर पादपों की आती है तो ओलिएंडर और चांदनी लोगों की पहली पसंद होते हैं. इसके अलावा जास्मीन की एक रोचक किस्म चमेली को लगाया जा सकता है, इस पौधे की शाखाएं कड़ी होती हैं, पत्तियां गहरी हरी होती हैं और इस पर तेज गंध वाले पीले फूल आते हैं. इसी प्रकार से गुलाब भी एक प्रकार का बेहतरीन मिनिएचर पादप है. इसके फूल एक पत्ती वाले होते हैं, और चूंकि ये आकार में छोटे होते हैं, इस कारण से ऐसा प्रतीत होता है कि वे काफी नाजुक हैं, पर वास्तव में वे काफी मजबूत होते हैं. मिनिएचर गुलाब को एकल पॉट प्लांट के रूप में उगाया जा सकता है, इसकी कुछ प्रजातियों को ट्रेलीज़ के रूप में भी लगाया जा सकता है. नोएट्रम कारपेट गुलाब की सफेद, गुलाबी और पीच रंग के फूलों वाली प्रजातियां मिलती हैं. जब इनको एक साथ उगाया जाता है तो ये ग्राउंड कवर की तरह भी काम करते हैं.

इसके अलावा आप डायन्थस, प्राइमूलस, सैक्सिफ्रेज, कैंपानुला और डैफोडिल्स जैसे फूलों का विकल्प भी चुन सकते हैं. इनमें से अधिकतर पौधे छोटे होते हैं और इनमें पर्याप्त मात्रा में पत्तियां पाई जाती हैं, इनमें से कुछ बेल की तरह भी बढ़ते हैं.

बाड़ाबंदी वाले पौधे

अगर आप बाड़ाबंदी के लिए पौधे लगाना चाहते हैं तो मिनिएचर पादप इसके लिए उपयुक्त होते हैं. मुर्राया ड्वार्फ नाम का पौधा 2 फीट की उंचाई तक बढ़ सकता है और एक साफ और नीची बाड़ के लिए उपयुक्त होता है. इस पौधे में बरसात के मौसम में फूल भी आते हैं. इसी प्रकार से जुनिपर एक और सुंदर झाड़ी होती है जिसमें गुंबदनुमा शीर्ष निकला होता है. यह झाड़ी इतनी धीमी गति से बढ़ती है कि इसे 3 फीट की अपनी अधिकतम उंचाई तक पहुंचने में 40 साल का समय लग जाता है. इसकी पत्तियां कांटेदार होती है, और चूंकि यह कोनिफर समूह से संबंध रखती है, इसके कारण इसकी सुई जैसी पत्तियां धूसर हरा रंग ले लेती हैं. मिनिएचर जुनिपर को एक छोटी जगह में भी लगाया जा सकता है और यह इस जगह में एक जंगल जैसा एहसास देता है. इसके अलावा थूजा भी एक ऐसा ही पादप है, यह भी कोनिफर समूह से संबंधित होता है और इसकी पत्तियां भी सुईनुमा होती हैं. यह एक झाड़ीदार और सघन मिनिएचर पादप होता है, अगर आप इसे कोई विशेष आकार नहीं देना चाहते हैं तो आपको इसे बांधना नहीं चाहिए.

ग्रुप थैरेपी

मिनिएचर पौधों को एक साथ उगाना हमेशा अच्छा रहता है. चूंकि ये पादप छोटे होते हैं इसलिए अगर इन्हें अलग-अलग उगाया जाए तो इनकी सूखने की संभावना अधिक होती है. लेकिन अगर आप इन्हें एक साथ किसी बड़े गमले, बड़ी जगह या क्यारी में उगाते हैं, तो ये पौधे तेज हवाओं और आंधियों से कम प्रभावित होते हैं और इनका जीवनकाल बढ़ जाता है.