देश में तेजी से बढ़ते घरों के खरीदारों को अपार्टमेंट संबंधी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर समय-समय पर स्टूडियो अपार्टमेंट, रो-हाउस, विला और डुप्लेक्स जैसे विभिन्न समाधान पेश करते रहे हैं. इनमें से प्रत्येक प्रकार का निर्माण संरचना, अवधारणा, कीमत और स्वीकार्यता के नजरिए से अलग-अलग होता है. तेजी से बढ़ते शहरीकरण के चलते गगनचुंबी इमारतें बनाना एक प्रकार की मजबूरी हो गई है, लेकिन हर कोई इन इमारतों में रहना पसंद नहीं करता है. दूसरी और खुद की जगह लेना और उस पर बंगला या विला बनाना काफी महंगा पड़ता है. इन सभी समस्याओं के बीच, बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट एक प्रकार के बीच का रास्ता सिद्ध हुए हैं. आज के समय में बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट मुख्य रूप से उत्तर भारत में प्रचलित हैं पर ये धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी लोकप्रिय होते जा रहे हैं. एक आम बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट 2 से 3 मंजिला बिल्डिंग होती है, जिसमें हर परिवार को एक-एक मंजिल दी जाती है. इस प्रकार से, बहुमंजिला इमारत के मुकाबले, निवासी को अपेक्षाकृत कम दामों पर बंगले या विला जैसा अनुभव और निजता मिलती है.

 लोकेशन

बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट दिल्ली-NCR, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे स्थानों में तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं, जहां जमीन सस्ते में उपलब्ध है, जनसंख्या घनत्व कम है और कम उंचाई वाले अपार्टमेंट बनाए जा सकते हैं. मुंबई जैसी जगहों में, जहां जमीन की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, कम मंजिला इमारतें या बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट बनाना संभव नहीं है.

बिल्डर फ्लोर बनाम हाई राइज अपार्टमेंट

एक आम उंची इमारत में, मंजिलों की संख्या को लेकर कोई पाबंदी नहीं होती (प्रोजेक्ट की अनुमति के आधार पर); और आमतौर पर हर मंजिल पर चार से छह परिवार निवास करते हैं. इसके अलावा आम उंची इमारतों में कुछ सुविधाएं जैसे कि स्विमिंग पूल, क्लब हाउस और कम्युनिटी हॉल इत्यादि होते हैं; इसके लिए निवासियों से मेंटेनेंस कॉस्ट के नाम पर उंची रकम वसूली जाती है.

इसके विपरीत बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट अपेक्षाकृत नीचे होते हैं, ये 2 से 4 मंजिला इमारतें होती हैं; और हर मंजिल पर एक ही परिवार रहता है. इस प्रकार के प्रोजेक्टों में सामान्य सुविधाओं की कमी होती है, सुविधाओं के नाम पर सुरक्षा और पानी उपलब्ध होता है, इससे मेंटेनेंस की लागत कम आती है. अगर लागत के आधार पर तुलना करें तो ये बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट वाजिब कीमतों पर विला और बंगले का जीवन स्तर प्रदान करते हैं.

बिल्डर फ्लोर फॉर्मेट

अधिकतर बिल्डर फ्लोर इमारतें अक्सर छोटे रियल एस्टेट कारोबारियों द्वारा बनाई जाती हैं, इसके लिए वे अक्सर जमीन के मालिक के साथ साझेदारी में काम करते हैं. इस साझेदारी में आप तौर पर बिल्डर निर्माण के लिए पैसा लगाता है, जबकि जमीन का मालिक जमीन देता है. महानगरों में जमीन की कीमतें प्रॉपर्टी की कीमतों की 80-90 होती है, यहां बिल्डर को चार में से एक मंजिल मिलती है. कुछ मामलों में मौजूदा बिल्डिंग का री-डेवलपमेंट कर बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट बनाए जाते हैं; इस स्थिति में मूल मालिक इमारत में और अधिक मंजिलें जोड़ता है (खुद के बलबूते पर या बिल्डर के साथ साझेदारी में) और बेच देता है.

लाभ और हानियां

हम में से अधिकतर लोग किसी बंगले या विला में रहने का सपना देखते हैं; हालांकि इनकी आसमान छूती कीमतें इस सपने को पूरा नहीं होने देती. ऐसे लोगों के लिए उनके बजट के अनुसार बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंट मौजूद हैं. इसके अलावा, इस प्रकार के अपार्टमेंट में एक मंजिल पर एक ही परिवार रहता है और उनका अलग पानी और बिजली का कनेक्शन होता है. ऊंची इमारतों में जहां एक मंजिल पर बहुत से परिवार रहते हैं, लोगों को निजता नहीं मिलती है और अक्सर पानी, बिजली को लेकर भी विवाद होते रहते हैं. बिल्डर फ्लोर अपार्टमेंटों की एक ही कमी है, और वह यह है कि इसमें आज के जमाने में तेजी से लोकप्रिय हो रही जरूरतों जैसे कि बच्चों का पार्क, जिम और क्लबहाउस जैसी सुविधाओं की कमी होती है.

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