किसी भी देश में इन्वेस्टमेंट का परिदृश्य ढांचागत विकास की गुणवत्ता और वर्तमान और भविष्य के विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए की गई पहलों पर निर्भर करता है. भारत में, बढ़ती जनसंख्या, फंडिंग की चुनौतियों और नियामक ढांचे की कमी के कारण ढांचागत विकास हमेशा धीमी गति से हुआ है. इन समस्याओं के कारण, वर्तमान बुनियादी ढांचे पर उसके सामर्थ्य से अधिक बोझ पड़ रहा है और वह बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रहा है. भारत में, मध्यम से लंबी अवधि के लिए परिवहन माध्यमों की आवश्यकता 10 से 12 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. इसके अलावा, मौजूदा रेल नेटवर्क अतिरिक्त भार वहन कर पाने में सक्षम नहीं है. इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की अवधारणा विकसित की गई है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर देश में शुरू की जाने वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना में से एक है. भारत सरकार ने इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन - डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का गठन किया है.

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पश्चिम बंगाल के दनकुनी को उत्तर प्रदेश के खुर्जा से जोड़ने वाला 1, 893 किलोमीटर का मार्ग होगा. यह छह राज्यों - पंजाब (88 किलोमीटर), हरियाणा (72 किलोमीटर), उत्तर प्रदेश (1, 049 किलोमीटर), बिहार (93 किलोमीटर), झारखंड (50 किलोमीटर) और पश्चिम बंगाल (488 किलोमीटर) से हो कर गुजरेगा. इसी तरह, पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश के दादरी को महाराष्ट्र के JNPT से जोड़ने वाला 1, 504 किलोमीटर का मार्ग होगा. मार्ग पांच राज्यों - हरियाणा (177 किलोमीटर), राजस्थान (567 किलोमीटर), गुजरात (565 किलोमीटर), महाराष्ट्र (177 किलोमीटर) और उत्तर प्रदेश (18 किलोमीटर) से हो कर गुजरेगा.

रियल एस्टेट - प्रभाव

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ट्रांजिट उन्मुख विकास के साथ-साथ रियल एस्टेट बाजार, विशेष रूप से वेयरहाउसिंग, लॉजिस्टिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों को बढ़ावा देगा. फ्रेट कॉरिडोर के कारण बाजार-उन्मुख औद्योगिक क्षेत्रों, इन्वेस्टमेंट क्षेत्रों, औद्योगिक पार्कों और मेगा लॉजिस्टिक पार्कों का विकास होगा. इन सभी विकासों से लोग देश के विभिन्न हिस्सों में आसानी से आ-जा सकेंगे और इससे रोजगार के बड़े अवसर पैदा होंगे. ये सभी कारक आसपास के इलाकों और इन्फ्ल्युएंस क्षेत्रों में टाउनशिप और औद्योगिक टाउनशिप के विकास को गति प्रदान करेंगे.